Monday 28 November 2016

Jury Members Of Rajasthan Film Festival


राजस्थान अपनी कला, संस्कृति, पहनावे, बोलचाल, रहन सहन, खानपान आदि के लिए विश्व्भर में प्रसिद्ध है और हमारी इस सांस्कृति विरासत के प्रचार-प्रचार के लिए सिनेमा सबसे बड़ा माध्यम है।
राजस्थान फिल्म फेस्टिवल भी विगत तीन सालों में हमारी सांस्कृति विरासत को सहेजने का कार्य कर रहा है यह अत्यन्त सराहनीय है लेकिन हमे भी हमारी सिनेमा को ऊपर उठाने के लिए भरसक प्रयास करने चाहिए। हमे उच्च गुणवत्ता, बहेतरीन संगीत, सामाजिक मुददों तथा हमारी कला एवं संस्कृति से जुड़ाव रखने वाली साफ सुथरी फिल्म का निर्माण कर हमारे सिनेमा को नई उचाईया प्रदान करनी चाहिए ताकि हमारा राजस्थानी सिनेमा विश्व पलट पर महक सके।
मैं विगत दो सालों से राजस्थान फिल्म फेस्टिवल के निर्णायक के रूप में भूमिका निभा रहा हूँ इसके लिए में राजस्थान फिल्म फेस्टिवल का आभार व्यक्त करता हूँ साथ ही स्मारिका " नई सोच नई दिशा " के लिए शुभकामनाए प्रेषित करता हूँ।



राजस्थान फिल्म फेस्टिवल का निर्णायक दल

इस निर्णायक दल ने राजस्थान फिल्म फेस्टिवल, २०१५ में निर्णायक के रूप में अहम भूमिका निभाई इसलिए राजस्थान फिल्म फेस्टिवल पं. विशवमोहन भट्ट, फिल्म निर्देशक विक्की राणावत और वरिष्ठ सिनेमेटोग्राफर एस. पप्पू का आभार व्यक्त करता है। 

Wednesday 19 October 2016

RFF in Blockbuster Magazine

ब्लॉकबस्टर पत्रिका में सम्पादित राजस्थान फिल्म फेस्टिवल २०१४ अवार्ड सेरेमनी की झलकियों में इम्प्पा अध्यक्ष टी.पी. अग्रवाल डीप प्रोज्वलित करते हुए |





Tuesday 18 October 2016

Rajasthan Film Festival 2014 Clips

फिल्म प्रमोशन पत्रिका में सम्पादित राजस्थान फिल्म फेस्टिवल २०१४ अवार्ड सेरेमनी की झलकियों में तिमप्पा अध्यक्ष टी.पी. अग्रवाल और फिल्म जानकारी संपादक कोमल नाहटा 20 सितम्बर को जयपुर में राजस्थान फिल्म समारोह पुरस्कार नाईट पर एक दूसरे को गले लगाओ।






Wednesday 24 August 2016

Lifetime Achievement Award - Mohan Katariya

इस बार राजस्थानफिल्म फेस्टिवल में राजस्थानी सिनेमा की बेहतरी के लिया गये कार्यो और राजस्थानी सिनेमा में अभूतपूर्व योगदान के लिया निर्माता,निर्देशक एव अभिनेता श्री मोहन कटारिया को सुभाष घई के हाथो लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया।




मोहन कटारिया विगत तीन दर्शक से राजस्थानी हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय है। अब तक के फ़िल्मी सफर में वे तक़रीबन तीन दर्जन से भी अधिक फिल्में और सीरियल कर चुके है। इनकी प्रमुख राजस्र्थानी फ़िल्मी में बेटी राजस्थानी री,डिग्गीपुरी का राजा,धरती रो धणी, जय करती माता आदि है। इनका आलावा जय श्री श्याम,अपनापन,रिश्ते,सतरंगी लहरियो,तीस मर खां जैसे सीरियल में भी इन्होंने अपने अभिनय की छाप छोड़ी है। हाल ही में आई फिल्म डर्टी पॉलिटिक्स में भी इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभा कर अपने अभिनय की सक्रियता का सबूत दिया है। 

Monday 8 August 2016

From Rajyavardhan Singh Rathore Desk

राजस्थान फिल्म फेस्टिवल राजस्थानी सिनेमा के लिए सार्थक कदम - राज्यवर्धन  सिंह  राठौर


राजस्थान फिल्म फेस्टिवल २०१५ की अध्य्क्षता सूचना एव प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन  सिंह  राठौर ने की। इस मौके पर उन्होंने खा की यह समारोह राजस्थानी सिनेमा के लिए एक सार्थक कदम है क्योंकि इससे कलाकारों को मंच मिलता है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा की बेशक हमारे यहां छोटे बजट की फिल्में बनतीं  है लेकिन कहानी को सही तरीके से प्रस्तुत किया जाये तो वे भी पूरी दुनिया में अपना परचम लहरा सकती है। सिनेमा के लिए भाषा कतई बाधा; नहीं है। सिनेमा केवल प्रस्तुतिकरण मांगता है अगर वो अच्छा है तो छोटी बात को भी बड़ा होने में वक़्त नए लगता।  राजस्थान ऐसी धरती है जहाँ घर-घर में कहानियां है, उन्हें लेकर अगर फिल्में बनाई जाये तो वे निश्चित्त  रूप  से विश्वभर में कमाल कर सकती है।

मंत्री होने के नाते उन्होंने ये भी कहा की मैं  दूरदर्शन से व्यक्तिगत रूप से गुजारिश करूँगा कि सप्ताह में कम से कम एक दिन राजस्थानी फिल्म का प्रसारण किया जाये और आप भी सरकार को राजस्थानी सिनेमा की बेहतरी के लिया सुझाव दें। आखिर में उन्होंने सभी को शुभकामनाएँ दी।


Friday 22 July 2016

Subhash Ghai

नई सोच नई दिशा एक सार्थक अवधारणा - सुभाष घई

राजस्थान फिल्म फेस्टिवल के इतिहास में पहली बार हुआ है की सुभाष घई समारोह के मुख्य अतिथि बने। उन्होंने बड़ी खुशी महसूस करते हुए राजस्थान फिल्म फेस्टिवल की अवधारणा नई सोच नई दिशा को सार्थक बताया और कहा की अगर कोई नई सोच और नई दिशा के साथ चलता है तो उसकी आधी मुश्किलें तो वैसे ही आसान हो जाती है।

साथ ही उन्होंने ये भी कहा राजस्थान कला, साहित्य और संस्कृति का भंडार है, हमें हमारे कल्चर को प्रमोट करते हुए फिल्मो का निर्माण करना चाहिये, हमे किसी और का अनुसरण न करते हुए स्वंयं के साहित्य और संस्कृति का अनुसरण करना चाहिए।  उन्होंने बताया की सिनेमा केवल मनोरंजन नहीं है सिनेमा अपनी कला एव संस्कृति को हर जगह पहुँचाने का सबसे बड़ा माध्यम है अगर हमें अपने सिनेमा को उठाना है तो केवल सरकार के भरोसे बैठना उचित नहीं है, हमें स्वयं को प्रयास करने होगें तभी राजस्थानी सिनेमा आगे बढेगा।


Tuesday 12 July 2016

Rajasthani Cinema At Jaipur Bagh 2015

जयपुर बाग में सतरंगी हुआ राजस्थानी सिनेमा

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समारोह के मुख्य अतिथि बने बॉलीवुड के शोमैन कहे जाने वाले सुभाष घई और समारोह की अध्यक्षता की सुचना एव प्रसारण मंत्री राज्‍यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने।
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राजस्थानी भाषा, कला, संस्कृति, एवं राजस्थानी सिनेमा के कलाकारों को सम्मान प्रदान के लिए हर साल की भांति इस बार भी जयपुर बाग़, वैशाली नगर मे २६ सितम्बर २०१५ को कंचन कैसेट्स और सिनेक्स विज़न द्वरा  राजस्थान फिल्म फेस्टिवल तृत्य अवार्ड सेरेमनी का आयोजन किया गया। इस समारोह के मुख्या   अतिथि थे बॉलीवुड के जाने माने निर्माता-निर्देशक शोमैन सुभाष घई और समारोह अध्यक्षता की सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने। इनके  साथ- साथ समारोह मे अनूप सोनी, अरुण बक्शी, कोमल नाहटास्वरुप खान,अमृता प्रकाश,निर्भय वाधवा,राहुल शर्मा,अनिरुद्ध दवे जैसा बॉलीवुड और टेलीविज़न की कई हस्तियां और कलाकार उपस्थित थे।

इस दौरान सुभाष घई ने समरह की अवधारणा "नई सोच नई दिशा" की तारीफ तारीफ करता हुए कहा   की  किसी भी सिनेमा मे वहाँ के समाज का गहरा प्रभाव रहता है। समारोह मे रजदयवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि यह फेस्टिवल राजस्थानी सिनेमा के लिए सार्थक  कदम है और वे राजस्थानी सिनेमा को दूरदर्शन पर दिखाने के लिए व्यक्तिगत रूप आग्रह करेंगे कि सप्ताह में कम से कम एक बार राजस्थानी फिल्म का प्रदर्शन किया जाये।


इस समारहो को बॉलीवुड के जाने माने अभिनेता अनूप सोनी, आर.जे.मोहित  और अरुण बख्शी ने होस्ट करके सभी दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया, साथ ही मीणा नाहटा, रविन्द्र उपाध्याय, कबीर और नितिन ने भी भरपूर सहयोग किया। समारहो के बीच होने वाले विभिन्न सांस्कृतिक रंगो ने दर्शकों का मन मोह लिया और धनराज दाधीच के लिखे, विक्रम सिंह के संगीत बद्ध किये तथा रवीन्द्र उपाध्याय व बुन्दू खान द्वारा गाये राजस्थान फिल्म फेस्टिवल के थीम सॉंग ' मेरी जान तेरी शान ' ने पुरे माहोल को राजस्थानी रंग में रंग दिया। इस समारहो में लगभग ५००० लोगों की उपस्थिति  के बीच राजस्थानी सिनेमा के कलाकारों को सिनेमा की २५ श्रेणियों में सम्मानित किया गया।  इसके साथ ही राजस्थानी सिनेमा की बेहतरी के लिए प्रयास करने वाले कई निर्माता, निर्देशकों व अन्य कलाकारों को समृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया तथा अवॉर्ड सेरेमनी को इ. टी.वी. राजस्थान पर प्रसारित किया गया। इस समारहो में निर्णायक के रूप में श्रीमान विश्व मोहन भटट, निर्देशक विक्की राणावत और कैमरे मैन एस. पप्पू अपनी बखूबी भूमिका निभाई।

                                                                                    


Saturday 2 July 2016

Words From Director Desk

दशा एव दिशा

जैसा की आप जानते है राजस्थान फिल्म फेस्टिवल तीन दिवसीय होना लगे है और अवॉर्ड समारोह से एक दिन पहले राजस्थानी सिनेमा की दशा पर एक विशेष परिचर्चा रखी जाती है और इस बार भी राजस्थानी सिनेमा की दशा एवं दिशा पर २५ सितम्बर २०१५ को एक विशेष परिचर्चा रखी गई। इस कार्यक्रम की अध्य्क्षता बॉलीवुड के जाने मने प्रोडूसर डायरेक्टर सावन कुमार टाक ने की। इस परिचर्चा में के.सी. मालू, सत्यवान पारीक,नंदू जलानी,शब्बीर खान,अजय शर्मा,आर.के.सारा,मोहन कटारिया आदि के साथ-साथ राजस्थानी  सिनेमा से जुड़े निर्मातानिर्देशरलेखकतकनीशियनवितरककलाकार आदि ने भाग लिया और राजस्थान सिनेमा की दशा एवं दिशा पर विशेष चर्चा की।

इस मौके पर सावन कुमार टाक ने कहा कि राजस्थानी सिनेमा के बिगड़ते हालात के लिए हम स्वयं जिम्मेदार है। आज दर्शक समझदार हो गये है, हमे क्वालिटी चाहिए। ये बात राजस्थानी सिनेमा के निर्माता और जिम्मेदार है। आज दर्शक समझदार हो गए है, उन्हें क्वालिटी चाहिए।  ये बात राजस्थानी सिनेमा के निर्माता और निर्देशकों को समझनी ही होगी। सरकार को कोसने के बजाय हमें अपनी गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए तभी राजस्थानी सिनेमा का उध्दार हो सकता है। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि सिनेमा एक व्यवसाय है और कोई व्यक्ति भावनाओ में बहकर अपना नुकसान नहीं करना चाहेगा, इसलिए हमे इसके लिए मिलजुल कर प्रयास करने होगें, ईगो छोड़ना होगा तभी राजस्थानी सिनेमा आगे बढ़ पायेगा।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के.सी. मालू ने कहा कि जब सरकार शिक्षा, स्वास्थय आदि पर इतना बजट खर्च कर रही है तो कला एव संस्कृति के साथ सौतेला व्यवहार क्यों? सरकार को कला एव संस्कृति विभाग पर भी ध्यान देने की जरुरत है। तभी राजस्थानी सिनेमा की स्थिति में सुधार होगा। इसके साथ सभी ने आपने-आपने विचार व्यक्त कर इस कार्यक्र्म को सफल बनाया।



Tuesday 14 June 2016

Writer Desk - Rajasthan Film Festival

राजस्थान भौगोलिक दृष्टि से देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। बड़े बड़े शूरवीरों की धरती, बड़े बड़े भामाशाहों की धरती, यहाँ की कला एवं संस्कृति विश्व मे कोने-कोने मे फैली हा। कहने का  मतलब  यह है कि राजस्थान अपने हर क्षेत्र मे अग्रणी है किन्तु जब राजस्थानी सिनेमा की बात चलती है तो हमे थोड़ा नीचा  देखना पड़ता है। एक वक़्त था जब राजस्थानी सिनेमा का डंका चारों तरफ बजता था, हमारे सिनेमा में माधुरी दीक्षित, धर्मेंदर, गोविंदा, असरानी, आलोक नाथ, किरण कुमार, जैसी बॉलीवुड के कई कलाकारों  ने अभिनय के जौहर दिखाये। २००१ में जगमोहन मुंधरा की फिल्म बवंडर ने कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी जीते लेकिन उसके बाद राजस्थान सिनेमा के विकास की रफ़्तार थोड़ी धीमी पड़ी है, ये हमारे लिए भी चिंता का विषय है।


हालांकि वर्तमान में राजस्थानी सिनेमा ने पुनः रफ़्तार पकड़ी है, कई अच्छी फिल्में बनने लगी है पर ठोस अपील के आभाव में राजस्थान सिनेमा क्षेत्र विशेष में ही सिमटता जा रहा है और सीमित बजट के कारण फिल्मों का प्रदर्शन प्रमुख शहरों में नहीं हो पा रहा है। इससे मुनाफे की उम्मीद काम ही रहती है।

आज हमें इन्ही बातों पर आत्म मंथन की आवयश्कता है पर हम आत्म मंथन किये बिना ही खामियों का ठीकरा सरकार वितरण और सिनेमा मालिक के सर पर फोड़ देते है की इन्ही वजह से हमारा सिनेमा उठ नहीं पा रहा है, ये उचित नहीं है।  परिवर्तन प्रकति का नियम है और आज हमें परिवर्तन की आवयश्कता है। फिल्मकारों को समय के साथ चलने वाली राजस्थानी फिल्में सच्ची लगन, मेहनत, साहस और दृढ़ इच्छा शक्ति से बनाकर पब्लिक का विशवास जितना चाहिए।  अगर एक बार हमने विश्वास जीत लिया तो फिर पब्लिक सिनेमाघरों तक बिना डोर के ही खींची चली आएगी।

आज राजस्थान सिनेमा को सबसे सहयोग और एक जुटता की आवयश्कता है। साथ ही राजस्थानी सिनेमा सरकार, समृद्ध निर्माताओ, निर्देशकों, सिनेमा मालिकों, वितरकों, लेखकों, कलाकारों, गीतकारों, तकनीशियनों से भी बड़ी उम्मीद लगाये बैठा है।  इन सबसे सहयोग बिना राजस्थानी सिनेमा के विकास की कल्पना संभव नहीं है। आखिर में एक बात और कहना चाहुंगा की मै तीन साल से लेखक एव गीतकार के रूप में राजस्थान फिल्म फेस्टिवल का हिस्सा हुँ। सचमुच राजस्थान फिल्म फेस्टिवल ने हमें बड़ा मंच दिया है और यह फेस्टिवल राजस्थानी सिनेमा के लिए सार्थक कदम  है। मै सदैव राजस्थान फिल्म फेस्टिवल का आभारी रहूगा। इस पद के लिए मैं सदैव उनका आभारी रहूँगा ।

जय जय राजस्थान



धनराज दाधीच
लेखक एवं गीतकार

Wednesday 25 May 2016

Programming Head - Rajasthan Film Festival


घणी खम्मा,राम राम,

राजस्थान फिल्म फेस्टिवल में विगत वर्षो में प्रोग्रामिंग हैड के पद पे कार्यरत हुँ। 2003 में फिल्म मेकिंग में सेंट्रल गोवेर्मेंट से पास आउट होने के बाद मैँ मेरे होम टाउन जयपुर आ गया और यह आकर राजस्थानी कला एेव संस्कृति से जुड़े ऑडियो - वीडियो ,फिल्में और डॉक्यूमेंटरी करने लगा

इसी दौरान मेरी मुलाकात कंचन कैसेटस की एेम डी संजना शर्मा से हुई और उन्होंने मुझे 2013 में राजस्थान फिल्म फेस्टिवल के प्रोग्रामिंग हेड के पास पर कार्य करने का प्रस्ताव  दिया मेने उनके इस प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार किया और तब से लेकर आज तक मैं लगातार इस लगातार कार्यरत हुँ। और इस पद की जिम्मेदारी ईमानदारी से निभा रहा हुँ।  इस पद के लिए मैं सदैव उनका आभारी रहूँगा 

साथ ही ये भी कहना चाहूँगा कि राजस्थान फिल्म फेस्टिवल हम सबका है हमें मिलजुल कर इसे नई उचाईयों की और ले जाना है ।


                                                                                              जय जय राजस्थान
                                                                                                                                                                                                   अनिल कुमार जैन
                                                                                                                                                                                                         प्रोग्रामिंग हेड 

Friday 6 May 2016

From Business Partner`s Desk

मैं कोई कलाकार तो नहीं हुँ पर कला और कलाकारों की दिल से इज़्ज़त करता हुँ  क्योंकि मुझ कला से बेहद लगाव  है और  जब राजस्थानी कला , संस्कृति एवं सिनेमा की  बात  चलती  है तो  मै खींचा चला आता हुँ। 

मेरे लिए शुरू से ही ये रहा है कि मैं राजस्थानी कला, संस्कृति एंव सिनेमा के लिए कुछ करू और एक दिन मुझे २०१४ के राजस्थान फिल्म फेस्टिवल को देखने का अवसर प्राप्त हुआ।  मेरा मन प्रसन्न हो गया और मैने अगले फेस्टिवल से जुड़ने की ठान ली।  मै संजना जी से मिला उन्हें अपने दिल की बात बताई और उन्होंने मान ली।  बस फिर क्या था मेरे अरमानों के पंख लग गये और मैने अपनी कंपनी सिनेक्स विज़न को कंचन कैसेटस का सहभागी बनाकर २०१५ के राजस्थान फिल्म फेस्टिवल को सफल बनाया।

अब तो दिल सा बस एक ही तमन्ना है कि राजस्थानी कला ,संस्कृति एवं सिनेमा विश्व के कोने-कोने मे फैले और इसके लिये मे हर संभव प्रयास करता रहूँगा।  

जय जय राजस्थान
देवेन्द्र शर्मा (डायरेक्टर)
सिनेक्स विज़न  

Thursday 28 April 2016

Editorial

मैं अकेली ही चली थी मज़िल - जानिब मगर,
लोग मिलते गये कारवां बनता गया।

मैं राजस्थान में जन्मी, पली- बड़ी इसलिए यहाँ की माटी मेरी रंग रंग में बसी है और राजस्थान एक ऐसा प्रदेश है जो अपनी कला, संस्कृति, रहन- सनह, रीती- रिवाज़ आदि में विश्व पटल पर अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है, किन्तु हमारा राजस्थानी सिनेमा अन्य क्षेत्रिय सिनेमाओं की तुलना में उनका सुद्रढ नहीं है। काम और प्रोत्साहन के आभाव में प्रतिभाएँ पलायन को विश्व है।

कला जगत मे जुड़ी होना का नाते ये बातें मेरे दिल को चबने लगी और राजस्थानी सिनेमा को मंच पर लाने की ठान ली। फ़लस्वरूप २८ सितम्बर २०१३ को कंचन कैसेट्स के बेनर तले राजस्थान फिल्म फेस्टिवल के रूप मे एक बिरवा रोपा जो आज आप के सहयोग से एक विशाल बरगद की शक्ल मे चूका है। ये तो एक शुरुवात है , मेरी दिली तमन्ना है की राजस्थानी सिनेमा बहुत आगे जाये। अच्छी फिल्मे बने ,यहां स्टूडियो बने, फिल्म सिटी बने, अच्छे इंस्टिट्यूट हो, जिस्म यहाँ कलाकार और तकनीशियन उभर के आये। किसी को मुंबई की तरफ भागना पड़े, हमारी फिल्में दूरदर्शन और अन्य चैनलों पर चले, इन सब बातों का लिए मै ज़िन्दगी भर प्रयास करती रहूंगी और आप सब का साथ इसी तरह से बना रहा तो राजस्थान फिल्म फेस्टिवल का कद ओर बढ़ेगा।

मित्रों किसी भी काम की सफलता के लिए एक मजबूत टीम और सहयोग की आवश्यकता होती है और इस राजस्थान फिल्म फेस्टिवल को खड़ा करने में नीरज खण्डेलवाल और मेरी पूरी टीम का अमूल्य योगदान रहा है, में इन सभी का शुक्रिया अदा करना चाहती हुँ, साथ में यह भी कहना चाहुंगी की हर आयोजन में कुछ कमियाँ रह ही जाती है और मैं हमेशा मेरी कमियों को दूर करने का प्रयास करती हुँ। मेरा उद्देश्य किसी को ठेस पहुंचाना ना होकर राजस्थानी सिनेमा का सम्पूर्ण विकास करना है। मैं इसके लिए सदैव तत्पर रहुंगी।

जय जय राजस्थान





संजना शर्मा
डायरेक्टर
कंचन कैसेट एण्ड सीरीज