Saturday 2 July 2016

Words From Director Desk

दशा एव दिशा

जैसा की आप जानते है राजस्थान फिल्म फेस्टिवल तीन दिवसीय होना लगे है और अवॉर्ड समारोह से एक दिन पहले राजस्थानी सिनेमा की दशा पर एक विशेष परिचर्चा रखी जाती है और इस बार भी राजस्थानी सिनेमा की दशा एवं दिशा पर २५ सितम्बर २०१५ को एक विशेष परिचर्चा रखी गई। इस कार्यक्रम की अध्य्क्षता बॉलीवुड के जाने मने प्रोडूसर डायरेक्टर सावन कुमार टाक ने की। इस परिचर्चा में के.सी. मालू, सत्यवान पारीक,नंदू जलानी,शब्बीर खान,अजय शर्मा,आर.के.सारा,मोहन कटारिया आदि के साथ-साथ राजस्थानी  सिनेमा से जुड़े निर्मातानिर्देशरलेखकतकनीशियनवितरककलाकार आदि ने भाग लिया और राजस्थान सिनेमा की दशा एवं दिशा पर विशेष चर्चा की।

इस मौके पर सावन कुमार टाक ने कहा कि राजस्थानी सिनेमा के बिगड़ते हालात के लिए हम स्वयं जिम्मेदार है। आज दर्शक समझदार हो गये है, हमे क्वालिटी चाहिए। ये बात राजस्थानी सिनेमा के निर्माता और जिम्मेदार है। आज दर्शक समझदार हो गए है, उन्हें क्वालिटी चाहिए।  ये बात राजस्थानी सिनेमा के निर्माता और निर्देशकों को समझनी ही होगी। सरकार को कोसने के बजाय हमें अपनी गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए तभी राजस्थानी सिनेमा का उध्दार हो सकता है। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि सिनेमा एक व्यवसाय है और कोई व्यक्ति भावनाओ में बहकर अपना नुकसान नहीं करना चाहेगा, इसलिए हमे इसके लिए मिलजुल कर प्रयास करने होगें, ईगो छोड़ना होगा तभी राजस्थानी सिनेमा आगे बढ़ पायेगा।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के.सी. मालू ने कहा कि जब सरकार शिक्षा, स्वास्थय आदि पर इतना बजट खर्च कर रही है तो कला एव संस्कृति के साथ सौतेला व्यवहार क्यों? सरकार को कला एव संस्कृति विभाग पर भी ध्यान देने की जरुरत है। तभी राजस्थानी सिनेमा की स्थिति में सुधार होगा। इसके साथ सभी ने आपने-आपने विचार व्यक्त कर इस कार्यक्र्म को सफल बनाया।



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