पहली बार हुई राजस्थानी सिनेमा की दशा एव दिशा पर विशेष परिचर्चा
दो दिवसीय राजस्थान फिल्म
फेस्टिवल में १९
सितम्बर २०१४ को
राजस्थानी सिनेमा की दिशा
एव दिशा पर
पहली बार एक
विशेष परिचर्चा राखी
गई। जिसमे कार्यक्रम
की अध्यक्षता राजस्थान
धरोहर सरक्षण एव
प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष
ओंकार सिंह लाखावत
ने की। इस
मौके पर लाखावत
ने राजस्थानी सिनेमा
के विकास की
चर्चा की और
सिनेमा से जुडी
समस्याओं को सरकार
तक पहुचाने का
आशवासन दिया।
इसके साथ अमरसिंह
राठौर, नंदू जालानी,
के. सी. मालू
तथा सिनेमा से
जुड़े कई निर्माता,
निर्देशक टेक्निशियनों, कलाकारों और लेखकों
ने अपने-अपने
विचार प्रकट किया।
सभी ने कहा
की राजस्थानी सिनेमा
को सही दिशा
में लेन के
लिए सभी को
सामूहिक प्रयास करना होंगे।
सिर्फ सरकार या
अकेले सिनेमा के
लोग कुछनही कर
सकते। कार्यक्रम में
इस बात पर
भी खूब चर्चा
हुई की हमारे
राजस्थान बेहतरीन लोकेशन्स है
और इनका इस्तेमाल
बहार का लोग
कर जाते है
लेकिन lokashan में छूट
नहीं होने के
कारण राजस्थानी सिनेमा
अयस्क उपयोग नई
ले पा रहा
है, ये चिन्ता
का विषय है।
इंक साथ-साथ
राजस्थानी भाषा को
मान्यता दिलाने की बात
पर भी विशेष
चर्चा हुई।
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